आज कुछ अपने मिले
कुछ बिछड़े रिश्ते मिले
अपनों में पराए मिले
परायों में अपने मिले
कुछ आँखे भीगीं
कुछ शाखें सूखी
कुछ बातें निकली
कुछ खबरें उड़ी
आज पुराने किस्से बूझे
आज नए संवाद मिले
कुछ तुमने वादे बरते
कुछ मैंने रिवाज़ निभाए
चलो फिर बिछड़े मीत मिले
जीवन के कुछ गीत मिले
बुज़ुर्गों के आशीष मिले
बच्चों के संवाद मिले
आज ज़िंदगी फिर लौटी
आज रौशनी फिर फूटी
मेरी मुझे पुकार मिली
फिर अपने से मैं आप मिली
बचपन के मीत मिले
मेरे होंठो को फिर वही गीत मिले
दुनिया की भीड़ में तुम मिले
फिर एक बार मेरे शब्दों को अर्थ मिले
मनीषा
कुछ बिछड़े रिश्ते मिले
अपनों में पराए मिले
परायों में अपने मिले
कुछ आँखे भीगीं
कुछ शाखें सूखी
कुछ बातें निकली
कुछ खबरें उड़ी
आज पुराने किस्से बूझे
आज नए संवाद मिले
कुछ तुमने वादे बरते
कुछ मैंने रिवाज़ निभाए
चलो फिर बिछड़े मीत मिले
जीवन के कुछ गीत मिले
बुज़ुर्गों के आशीष मिले
बच्चों के संवाद मिले
आज ज़िंदगी फिर लौटी
आज रौशनी फिर फूटी
मेरी मुझे पुकार मिली
फिर अपने से मैं आप मिली
बचपन के मीत मिले
मेरे होंठो को फिर वही गीत मिले
दुनिया की भीड़ में तुम मिले
फिर एक बार मेरे शब्दों को अर्थ मिले
मनीषा
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