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Sunday, December 10, 2023

भुलावे

 उन्हें रोटी में उलझाए रखना 

मुंह खोलें तो 

जाति पांती में भुलाए रखना

वाद विवाद करता है प्रतिवादी

उसे हास्य पात्र बनाए रखना

ना कुछ कर सको तो 

शहरों के नाम बदल देना 

बहुत कोई बढ़ चढ़ बोले 

तो उस पर कई धाराएं लगा देना 

याद रहे ये भोली जनता है 

इसे भविष्य के वादों

और इतिहास की गलतियों में 

बहलाए रखना।।


मनीषा वर्मा

#गुफ़्तगू