कुछ तो हिसाब रखिए खाते में थोड़ा उधार रखिए
कहते हैं साहब नर्म अपना मिजाज़ रखिए।।
निकल जाते हैं यूंही आप बेहिसाब इधर उधर
थोड़ा तो आने जाने का व्यवहार रखिए।।
माना अब आंख पर चढ़ चुका है रंगीन चश्मा
लेकिन अदब कायदा रिश्तों में बरकार रखिए।।
भाग रहे हैं जिस मुकाम को पाने के लिए
उस के रास्ते पर भी थोड़ी निगाह रखिए ।।
रुपए ने खरीद लिए जो आपके ईमान
आंख में शर्म थोड़ी तो संभाल रखिए।।
मनीषा वर्मा
#गुफ़्तगू