चलो बंद करे द्वार प्रतीक्षा के
लौट चले हम फिर अपनी अपनी दुनिया में
ना पट तुम थपथपाना
ना मैं राह तकूँ
अब मत पुकारना तुम
मुझे अपनी तन्हाईयों में
और मैं खुद को भूलूँ तुम्हे भुला देने में
मनीषा
लौट चले हम फिर अपनी अपनी दुनिया में
ना पट तुम थपथपाना
ना मैं राह तकूँ
अब मत पुकारना तुम
मुझे अपनी तन्हाईयों में
और मैं खुद को भूलूँ तुम्हे भुला देने में
मनीषा