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Thursday, April 3, 2014

देखो पिया

दिल में छिपा सको नाम मेरा तो छिपा लेना
मन में बसा सको प्यार मेरा तो बसा लेना

ना नज़र आऊँ  मैं आँखों में तुम्हारी
कोई नज़र मिलाए तो तुम पलक गिरा देना।

खिले यदि तन्हाई में कभी याद मेरी
तो किसी किताब में उस खुश्बू को दबा देना।

कभी चलते चलते साथ अपने कदम पाओ मेरे
तो होंठो पर खिलती मुस्कान  वहीं  छिपा लेना।

देखो पिया यदि कोई पूछे किसे खोजती हैं नज़रे
तो कहीं नाम मेरा तुम न बता देना।

वक्त  यदि मिला दे किसी मोड़ पर हमें
तब हाथ अपना तुम भी आगे बढ़ा देना।

मनीषा 

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