कुछ रिश्ते दरकी हुई दीवारों के सहारे भी टिके रहते हैं
मां होती है इसलिए घर मंदिर बने रहते हैं।।
दरख़्त हैं तो साए भी इन राहों पर बने रहते हैं
घर के बुज़ुर्ग ही घर का पता देते हैं।।
सुनते नहीं हैं आजकल बच्चे कथा कहानियां
बात बात पर उम्र का उलाहना देते हैं।।
मनीषा वर्मा
गुफ़्तगू
No comments:
Post a Comment