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Tuesday, April 17, 2018

लाज़मी तो नहीं

उन्हे भी ख्याल हो तुम्हारा लाज़मी तो नहीं
इश्क मे ये जुनूं उन्हे भी हो लाज़मी तो नहीं

तुम तो बैठे हो हो कर  दुनिया से बेज़ार
वो आ कर पूछ ही लें खैरियत लाज़मी तो नहीं

तुम ने तो कर लिया अज़ीम यूं जान का सौदा
ये  गैरत उनमें भी हो लाज़मी तो नहीं

ख्वाब में जिनके लुटाए जाते हो दुनिया
करे वो भी तेरी आरज़ू लाज़मी तो नहीं

जाते हो जिनके दर लिए पैगाम ए दोस्ती
कर लें वो भी बातचीत से मसला हल लाज़मी तो नहीं

#गुफ्तगू

मनीषा वर्मा

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