मेरी डायरी के कुछ पन्ने
माटी कहे कुम्हार से तू क्या रुँधे मोए इक दिन ऐसा आयेगा मैं रुँधूगी तोए
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Monday, February 17, 2014
सूखा फूल गुलाब का
मिल जाता है किसी डायरी में रखा सूखा फूल गुलाब का
और मेरे मन में एक शाम महक जाती है
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