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Tuesday, April 9, 2024

तुम मिलना मुझे तब उस पार

 क्षितिज पर लालिमा जब घुल जाएगी

अंधकार भरी कई रातें भी ढल जाएंगी

तुम मिलना मुझे तब उस पार 

जब किरणों की ताल पर लहरें इठलाएंगी।।


चांदनी जब तुम्हे विकल कर जाएगी

वो एक शाम तुम्हें भी जब सताएगी

तुम मिलना मुझे तब उस पार 

जब विदा की वो बेला पास आएगी।


एक दिन लेन देन जब सब चुक जाएंगे

बही खाते सब बंद हो जाएंगे

तुम मिलना मुझे तब उस पार

जब नींद भरी ये पलकें मुंद जाएंगी।।


मनीषा वर्मा 

#गुफ़्तगू

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