Pages

Saturday, September 3, 2022

स्त्रियां

  स्त्रियां अजीब हैं!

सब कुछ गा देती हैं ।

स्त्रियों ने गाया,

बिछोह बाबुल के घर का,

बाबुल से शिकवा,

पति से नखरा ,

सासुल और नन्दी का ताना 

नई नवेली जच्चा का दर्द 

और गाया मां का ममत्व ।

उन्होंने गीतों में उकेर दिया,

अपना सूनापन, अपना प्यार 

और दुनिया सुनती रही 

उन्हें लोक गीतों में ।

ऐसे छिपा लिया स्त्रियों ने 

अपना दर्द और गा दिए

ब्याह, विदाई, मिलन,बिछोह, 

जच्चा बच्चा के गीत।

स्त्रियां गाती रहीं

चुपचाप रात में अंधेरे में,

चौके में चूल्हे पर,

कुओं और तलाबों पर,

ब्याह और शादी में।

उन्हें सबने सुना, 

लेकिन किसी ने सुना नहीं।

मनीषा वर्मा 

#गुफ़्तगू



23 comments:

  1. सच है । सब कुछ गया दिया फिर भी किसी ने सुना नहीं । बेहतरीन

    ReplyDelete
  2. स्त्रियां स्त्री इसीलिए हैं क्योंकि उनके जज्बातों में एहसासों का 'परा' स्वरूप है, वह एहसासों को देखती हैं, बुनती हैं, गुनती है, उसकी धड़कनों को गुनगुनाती है और फिर 'बैखरी' रूप में उनके मधुर कंठों से वे भाव फूट पड़ते हैं। बहुत सुंदर कविता। बधाई और आभार!!!

    ReplyDelete
  3. आपकी लिखी रचना सोमवार 5 सितम्बर ,2022 को
    पांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    संगीता स्वरूप

    ReplyDelete
  4. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार(०५-०९ -२०२२ ) को 'शिक्षा का उत्थान'(चर्चा अंक-४५४३) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

    ReplyDelete
    Replies
    1. अफसोस कार्य को व्यस्तता के कारण नहीं सम्मिलित हो सकी

      Delete
  5. सचमुच स्त्रियाँ ऐसी ही होती है।
    मर्मस्पर्शी सृजन।

    ReplyDelete
  6. सही ऐसी ही तो होती है स्त्री बहुत सुंदर भाव पूर्ण अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
  7. क्या छुपाया स्त्रियों ने सब गा दिया ...अपना सुख दुख , मिलन बिछोह ।परन्तु अफसोस कि सुनने वालों के दिल को न छू पाये वे बोल।
    ना बदला स्त्री का कल ना आज।
    बहुत ही भावपूर्ण सुंदर सृजन ।

    ReplyDelete
  8. वाह बहुत ही सुन्दर रचना
    हृदय स्पर्शी

    ReplyDelete
  9. बहुत सुंदर गहन व्याख्या की है आपने ।
    पर सभी कहा सुन कर भी किसने सुना बस ---

    ReplyDelete
  10. स्त्रियाँ वेदना और खुशी दोनों व्यक्त करने में मुखर होती हैं शायद इसिलिए सब गा देती हैं।सच को दूसरे रूप में प्रकट करना उन्हें खूब आता है,भले कोई सुने ना समझे।बहुत ही भावपूर्ण रचना जो नारी जीवन का यथार्थ चित्रण करती हैं।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका आभार आपको पसंद आई

      Delete