ये कैसे रहनुमा हैं जो सच से डर जाते हैं
धर्म समझ कर नासमझ बच्चों को आँख दिखाते हैं
धर्म समझ कर नासमझ बच्चों को आँख दिखाते हैं
कैसे ये पैगम्बर हैं कौन से हैं ये खुदा
जो मासूम मुस्कुराहटों पर फतवे लगाते हैं
जो मासूम मुस्कुराहटों पर फतवे लगाते हैं
कांच से भी नाज़ुक हैं ये कौन से संस्कार
जो प्यार मोहब्बत से चटक जाते हैं
जो प्यार मोहब्बत से चटक जाते हैं
कोई निकला है तीर -ओ- तलवार तो कोई ख़ंजर ले कर
ये किसके धर्म हैं जिन्हें ये चन्द ठेकेदार बचाते हैं
मनीषा
ये किसके धर्म हैं जिन्हें ये चन्द ठेकेदार बचाते हैं
मनीषा
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