देर कर के आने वाले मीत
तुम लौट कर आए तो हो दस्तक देने
पर इस खाली मकां में
अब बचा ही क्या है
खंडहर के सिवा
जर्जर दीवारों को कितना
सहलाओगे
अब इन में रखा ही क्या है
दरारों के सिवा
पुकारते रहोगे नाम ले कर परिचय पुराने
अब यहाँ बचा ही क्या है
सन्नाटों के सिवा
मनीषा
तुम लौट कर आए तो हो दस्तक देने
पर इस खाली मकां में
अब बचा ही क्या है
खंडहर के सिवा
जर्जर दीवारों को कितना
सहलाओगे
अब इन में रखा ही क्या है
दरारों के सिवा
पुकारते रहोगे नाम ले कर परिचय पुराने
अब यहाँ बचा ही क्या है
सन्नाटों के सिवा
मनीषा
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