मेरी डायरी के कुछ पन्ने
माटी कहे कुम्हार से तू क्या रुँधे मोए इक दिन ऐसा आयेगा मैं रुँधूगी तोए
Pages
Home
Monday, April 21, 2014
हिन्दू मुसलमान
आप और हम गाय बकरी में अटके रहे
मंदिर मस्जिद पर लड़ते रहे
यहाँ शहीदों का भी बंटवारा हो गया
वर्दी पर चढ़ा तिरंगा भी हिन्दू मुसलमान हो गया
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment