तुम और मैं
मैं और तुम
इस चाँद के नीचे
साथ साथ पर अलग अलग
अपने ही दायित्व में बंधे
ख़्वाब संजोते- भूलते -खोए से
दायरे खींचते दूर दूर चलते
पास पास रहते
अपने अपनोे में पराए से
तुम और मैं
मैं और तुम
जैसी मै वैसे तुम
जैसे तुम वैसी मैं
एक दूसरे के पूरक
एक दूजे बिन अधूरे
कुछ अधूरे तुम
कुछ अधूरी मैं
तुम और मैं
मैं और तुम
अधूरे अधूरे
पूरे पूरे
दूर कितने
पास कितने
मनीषा
मैं और तुम
इस चाँद के नीचे
साथ साथ पर अलग अलग
अपने ही दायित्व में बंधे
ख़्वाब संजोते- भूलते -खोए से
दायरे खींचते दूर दूर चलते
पास पास रहते
अपने अपनोे में पराए से
तुम और मैं
मैं और तुम
जैसी मै वैसे तुम
जैसे तुम वैसी मैं
एक दूसरे के पूरक
एक दूजे बिन अधूरे
कुछ अधूरे तुम
कुछ अधूरी मैं
तुम और मैं
मैं और तुम
अधूरे अधूरे
पूरे पूरे
दूर कितने
पास कितने
मनीषा
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