मेरी डायरी के कुछ पन्ने
माटी कहे कुम्हार से तू क्या रुँधे मोए इक दिन ऐसा आयेगा मैं रुँधूगी तोए
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Tuesday, February 25, 2014
तुम
तुम
मेरी दुआ
मेरी प्रार्थना
मेरी मन्नत
मेरे कर्म का गणित फल
मेरे जीवन का आधार
मेरे भीतर का अहसास
मेरा फलित पुण्य
मनीषा
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