अच्छे दिन चल रहें है
क्यों भला माहौल बिगाडिये
बस ज़रा आप चुप हो जाइये
सोते को मत जगाइए
गफलत में ही सही जी रहे हम
मज़े में अभी हाट-दुकान चलाइये
बस ज़रा भाई आप चुप लगाइए
खुश हैं लोग सभी आप मत दर्द दिखाइए
कड़वी दवा कुछ आप भी निगल जाइए
बस ज़रा अब ज़ुबां को लगाम लगाइए
अच्छे दिन बड़ी खींचतान से
ले आए है लोग दुरुस्त
अपना बेराग मत अलापिए
ज़रा थोड़ा चुप लगाइये
बड़ी मुश्किल से मिलती है
दिल्ली में चार पैरों की
एक कुर्सी महाशय शौक फरमाइए
आप तो बस चुप लगाइए
अभी तो लगी भी नही आप के
नए बंगले में नई जाफरी
ज़रा सुस्ताइए
आप जनाब ज़रा सी तो चुप लगाइये
बड़े इंतज़ार से आएं
है मेरी किस्मत से अच्छे दिन
किरकिरी मत बजाइए
आप जनाब बस बहुत हुआ
मत कराहिए
जनाब ज़रा चुप लगाइए
खाइये गलियां भी ज़रा मत घबराइये
इश्क़ किया है वतन से तो कुछ थप्पड़ भी खाइये
जनाब अब ज़रा चुप लगाइये
अच्छे दिनों के कुछ तो आप भी मज़े उड़ाइए
मुझे तो अपने साथ सरे आम न पिटवाइये
जनाब अब ज़रा चुप लगाइये
जनाब अब ज़रा चुप लगाइये
मनीषा
क्यों भला माहौल बिगाडिये
बस ज़रा आप चुप हो जाइये
सोते को मत जगाइए
गफलत में ही सही जी रहे हम
मज़े में अभी हाट-दुकान चलाइये
बस ज़रा भाई आप चुप लगाइए
खुश हैं लोग सभी आप मत दर्द दिखाइए
कड़वी दवा कुछ आप भी निगल जाइए
बस ज़रा अब ज़ुबां को लगाम लगाइए
अच्छे दिन बड़ी खींचतान से
ले आए है लोग दुरुस्त
अपना बेराग मत अलापिए
ज़रा थोड़ा चुप लगाइये
बड़ी मुश्किल से मिलती है
दिल्ली में चार पैरों की
एक कुर्सी महाशय शौक फरमाइए
आप तो बस चुप लगाइए
अभी तो लगी भी नही आप के
नए बंगले में नई जाफरी
ज़रा सुस्ताइए
आप जनाब ज़रा सी तो चुप लगाइये
बड़े इंतज़ार से आएं
है मेरी किस्मत से अच्छे दिन
किरकिरी मत बजाइए
आप जनाब बस बहुत हुआ
मत कराहिए
जनाब ज़रा चुप लगाइए
खाइये गलियां भी ज़रा मत घबराइये
इश्क़ किया है वतन से तो कुछ थप्पड़ भी खाइये
जनाब अब ज़रा चुप लगाइये
अच्छे दिनों के कुछ तो आप भी मज़े उड़ाइए
मुझे तो अपने साथ सरे आम न पिटवाइये
जनाब अब ज़रा चुप लगाइये
जनाब अब ज़रा चुप लगाइये
मनीषा
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