Pages

Tuesday, May 24, 2011

ख्याल तेरा यादो मे

ख्याल तेरा यादो मे आता है ऐसे
बिसरी गज़ल कोई दोहराता हो जैसे

लबो से तेरा नाम लेते है ऐसे
बाद मुद्द्त के चखी हो सुरा जैसे

बहुत चाह्त है विसाल-ए-यार कि हमे
मुद्द्त हो गई किसी दर पे सज़दा किए हुए

ऐ खुदा मेरी आहो को ज़रा असर बख्श दे
वो भी करे उफ़्फ़ ज़रा जिनकी तड़प मे हमने उम्र गुज़ार दी

3 comments:

  1. छोडो,बिखरने देते हैं ज़िंदगी को.........आखिर समेटने की भी एक हद होती है

    ReplyDelete
  2. you wrote wonder full. facebook.com/sumitrapandey

    ReplyDelete
  3. अब जिंदगी इतनी भी बेतरतीब नहीं
    जो तेरे बिना संवारी भी न जा सके
    सांस लेते हैं हम रोज़ बिन तेरे
    अब इतने भी बेमुरव्वत नहीं
    जो इसे जीना भी न कह सके कोई

    ReplyDelete