आज मन बेहद उदास है
शायद कोई ख़्याल आस पास है
मन को रूँधू तो शायद बताए
किस कमी का यह अहसास है।।
मौसम भी बुझा बुझा सा है
साल की उम्र भी ढल सी गई है
हवा में घुला एक खुश्क सा पैगाम है
बेतरतीब सा इस रात का मिजाज़ है।।
आज मन बेहद उदास है
मनीषा वर्मा
#गुफ्तगू

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