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Monday, December 22, 2025

आज मन बेहद उदास है

 आज मन बेहद उदास है

शायद कोई ख़्याल आस पास है

मन को रूँधू तो शायद बताए 

किस कमी का यह अहसास है।।


मौसम भी बुझा बुझा सा है

साल की उम्र भी ढल सी गई है

हवा में घुला एक खुश्क सा पैगाम है

बेतरतीब सा इस रात का मिजाज़ है।।

आज मन बेहद उदास है

मनीषा वर्मा

#गुफ्तगू




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