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Tuesday, April 9, 2024

इतिहास में लिखा है

 सुना है इतिहास में लिखा है

किसी तानाशाह की जद में 

बहुत से चिन्हित लोग

बंदूकों की नोक पर

लाक्षागृह में स्नान के लिए चले गए

हाथों में साबुन की बट्टियाँ लिए

चुपचाप भेड़ों की तरह गर्दन झुकाए

उस गृह में जहां पानी नहीं 

मृत्यु  कर रही थी उनका इंतजार

और समाज निर्लिप्त था अपने ही

अहम में।।

आए बहुत बाद में 

संवेदना लिए बहुत लोग

तब जब लाशें सड़ चुकी थीं

मानवता जल चुकी थी

एक चुप की कीमत बहुत 

भयंकर होती है

इतिहास में ही पढ़ा है

कि काल चक्र घूमता है

मानुष की फितरत नहीं।।


मनीषा वर्मा 

#गुफ़्तगू

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