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Tuesday, February 7, 2017

हाल जो पूछ लिया

ज़रा सा हाल जो पूछ लिया
और मन गुनने लगा
सुनहरी धूप  के रेशों में
कुछ बुनने लगा
बारिश के गीतों में
स्वप्न सुनने लगा
ज़रा सा हाल जो पूछ लिया

धड़कनें  सी थमने लगी
साँसे रुकने सी लगी
रोम रोम गुनगुनाने लगा
 ज़रा सा हाल जो पूछ लिया

मनीषा 

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