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Saturday, February 26, 2022

अजब तेरा खेला

 अजब  तेरा खेला  अजब तेरी दुनिया

सुख दुःख जैसे दिन रात की परछाई


पाप है क्या और ये पुन्य है क्या

कह गए ज्ञानी सब करम  कमाई


कोई यहाँ  जी ना पाया, किसी को मांगे मौत ना आई

दे गए ज्ञानी सब भरम दुहाई 


कैसा खेल तुम खेले केशव, मानव मन में पीर छिपाई

कह गए ज्ञानी सब मिथ्या माया रचाई 


#गुफ्तगू


मनीषा वर्मा

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