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Thursday, October 15, 2015

वाह रे ! इंसान

अजन्मी कन्या  के नसीब में गर्भ में मुक्ति
फिर नौ दिवस कन्या रूप देवी भक्ति
वाह रे ! इंसान

कर्म और भगवान दोनों की चुप्पी
थोड़े दान थोड़ी भक्ति पांच वक्त की नमाज़
पाप मुक्ति  कर दी कितनी आसान
वाह रे ! इंसान

हज तीर्थ सब जन्नत के द्वार
पंडित मोमिन पादरियों ने
थमा दी एक कुंजी आसान
वाह रे ! इंसान

जीव हत्या तो पाप
संगसार तो जन अधिकार
धर्म हत्या हुई कितनी आसान
वाह रे ! इंसान

क्षुधा विवश करती तो जानवर लेता है प्राण
लालच लोभ बना देती है मनुष्य को हैवान
फिर भी बताता है खुद को महान
वाह रे ! इंसान
मनीषा

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