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Sunday, October 7, 2012

ऐ खुदा

जो मेरी  आँखों से बहते खारे पानी को मोती समझ कर सजा ले अपने कन्धों पर 
ऐसा एक दोस्त बक्श मुझे मेरे ऐ खुदा 
तो जानू तू गुनाहों को माफ़ किया करता है 

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