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Friday, June 24, 2011

मचा है घर मे एक हंगामा

साँसे रुकी हुई, नज़र बेचैन सी
दिल थाम के बैठे है कि
तेरे आने की खबर से
मचा है घर मे एक हंगामा सा॥
अम्मा की आवाज़ से आँगन गूँज रहा है
भाभी की खीर से घर महक रहा है
छोटी बदल रही है सब कवर
पापा ने ली है फ़िर अखबार के पीछे शरण
ये तेरे आने की खबर से
मचा है घर मे एक हंगामा सा॥
धुला पुछा सा आँगन
मानो चह्क उठा है
आज बाहर लगा अमलतास भी
खिल उठा है
हर आह्ट पर अम्मा के हाथ रुक से जाते है
कदम उनके दरवाज़े की ओर बढ़ ही जाते हैं
ये तेरे आने की खबर से
मचा है घर मे एक हंगामा सा॥

घड़ी कि सुईयाँ आज रुक सी गई हैं
रोज़ दो पल मे गुज़र जाने वाली सुबह
आज थम सी गई है
भैया आज ले छुट्टी तुम्हे लिवाने गए है
आज शहर भर के इक्के गुम से गए है
हर टाप पर मेरी आस धक सी गई है
ये तेरे आने की खबर से
मचा है दिल मे मेरे एक हंगामा सा॥

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