ख्याल तेरा यादो मे आता है ऐसे
बिसरी गज़ल कोई दोहराता हो जैसे
लबो से तेरा नाम लेते है ऐसे
बाद मुद्द्त के चखी हो सुरा जैसे
बहुत चाह्त है विसाल-ए-यार कि हमे
मुद्द्त हो गई किसी दर पे सज़दा किए हुए
ऐ खुदा मेरी आहो को ज़रा असर बख्श दे
वो भी करे उफ़्फ़ ज़रा जिनकी तड़प मे हमने उम्र गुज़ार दी
बिसरी गज़ल कोई दोहराता हो जैसे
लबो से तेरा नाम लेते है ऐसे
बाद मुद्द्त के चखी हो सुरा जैसे
बहुत चाह्त है विसाल-ए-यार कि हमे
मुद्द्त हो गई किसी दर पे सज़दा किए हुए
ऐ खुदा मेरी आहो को ज़रा असर बख्श दे
वो भी करे उफ़्फ़ ज़रा जिनकी तड़प मे हमने उम्र गुज़ार दी
छोडो,बिखरने देते हैं ज़िंदगी को.........आखिर समेटने की भी एक हद होती है
ReplyDeleteyou wrote wonder full. facebook.com/sumitrapandey
ReplyDeleteअब जिंदगी इतनी भी बेतरतीब नहीं
ReplyDeleteजो तेरे बिना संवारी भी न जा सके
सांस लेते हैं हम रोज़ बिन तेरे
अब इतने भी बेमुरव्वत नहीं
जो इसे जीना भी न कह सके कोई