जी रहे है आस मे ईश्वर की चाह मे
कुछ नही बदलता है ये हिन्दुस्तान है यहाँ सब चलता है
नेता है गुंडे, पालते हैं सिर्फ़ चमचे
क्या करे चुनाव जीत आना है
कुर्सी बड़ी चीज़ है, नोट खर्च मे ही जीत है
जनता है बेवकूफ़ भोली होने का बहाना है
क्या करे कुछ ऐसा ही ज़माना है
कुछ नही बदलता है ये हिन्दुस्तान है यहाँ सब चलता है
जगह जगह चक्का जाम है दुहाई है ये कैसा विकास है
मँहगाई पर रोक नही है, कत्ल पर टोक नही है
बोने वाले के घर अन्न नही है, मर भी जाए तो गम नही है
जन्मदात्री के जन्म पर मौत खड़ी है
एक मुठ्ठी अनाज पे दुलारी बेटी बिकी है
इस अन्धेर नगरी का चौपट राजा है
कुछ नही बदलता है ये हिन्दुस्तान है यहाँ सब चलता है
हर तरफ़ माया है, कही ममता तो कही जयललिता है
बहुत से राजा है, कालमाड़ी है और रोज़ नया एक घोटाला है
खब्ररी हैं पर बिकने की उन्हे भी जल्दी है
जिन्हे लिख्नना है सच वो बन गए विवादी है
पी आर टी के चक्कर मे बना गरीब घनचक्कर है
कुछ नही बदलता है ये हिन्दुस्तान है यहाँ सब चलता है
बाहर कौन दुश्मन है यह सबको पता है
भीतर कौन बैठा जयद्र्थ है क्या पता है
मरने को तैयार देश का भविष्य है
कब्र मे लटकाए पाँव बैठा देश का नेतृत्व है
यहाँ तुल जाती एक ताबूत मे शहादत है
कुछ नही बदलता है ये हिन्दुस्तान है यहाँ सब चलता है
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