शब्द मेरे, राग यह धरा सुनाती है
हौले हौले मेरे तुम्हारे संग गुनगुनाती है
सुनो, धरती गाती है
तरुदल की हरियाली में
कभी पुष्प की लालिमा में
भंवरों की मदमस्त गुंजन संग
पंछियों की सुर ताल में
धीम धीमे मुस्काती है
सुनो धरती गाती है
निर्झर के वैरागी गान में
सरिता के शांत स्वर में
वादी की हवाओं के संग
मेघों के चपल स्वर में
धीमे धीमे मुस्काती है
सुनो धरती गाती है
गर्मी की भीष्म उष्मा में
सर्दियों की गहन धुंध में
सावन की पहली बारिश के संग
कभी पतझर के रूठे स्वर में
धीमे धीमे मुस्काती है
सुनो धरती गाती है
शब्द मेरे, राग यह धरा सुनाती है
हौले हौले मेरे तुम्हारे संग गुनगुनाती है
सुनो, धरती गाती है
मनीषा
हौले हौले मेरे तुम्हारे संग गुनगुनाती है
सुनो, धरती गाती है
तरुदल की हरियाली में
कभी पुष्प की लालिमा में
भंवरों की मदमस्त गुंजन संग
पंछियों की सुर ताल में
धीम धीमे मुस्काती है
सुनो धरती गाती है
निर्झर के वैरागी गान में
सरिता के शांत स्वर में
वादी की हवाओं के संग
मेघों के चपल स्वर में
धीमे धीमे मुस्काती है
सुनो धरती गाती है
गर्मी की भीष्म उष्मा में
सर्दियों की गहन धुंध में
सावन की पहली बारिश के संग
कभी पतझर के रूठे स्वर में
धीमे धीमे मुस्काती है
सुनो धरती गाती है
शब्द मेरे, राग यह धरा सुनाती है
हौले हौले मेरे तुम्हारे संग गुनगुनाती है
सुनो, धरती गाती है
मनीषा
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