बाद मुद्द्त के फिर उनसे मुलाकात हुई
जो किसी ने ना समझी ना जानी
आँखों की आँखों से वो ही बात हुई
वो मुस्कुरा दी हम हंस दिए
इश्क की मासूमियतें अब जवान हुई
मनीषा
जो किसी ने ना समझी ना जानी
आँखों की आँखों से वो ही बात हुई
वो मुस्कुरा दी हम हंस दिए
इश्क की मासूमियतें अब जवान हुई
मनीषा
No comments:
Post a Comment