लिखना है तो दिल की बात लिखो
सूनी राहें तकते
सूखे जो आँसू नम आँखों में
उसकी याद लिखो
लिखना है तो उन कांपती हथेलियों की
सिरहन की बात लिखो
लिखना है तो
रात के सन्नाटों में उठती
हूक की बात लिखो
उन बूढ़ी बातों से झरते
प्यार की बात लिखो
लिखना है तो मन पर जो
अपने जाए ने जो दिए
आघात उसकी बात लिखो
लिखना है तो चोट खाए माँ के दिल से
निकले आशीष की बात लिखो
मनीषा
सूनी राहें तकते
सूखे जो आँसू नम आँखों में
उसकी याद लिखो
लिखना है तो उन कांपती हथेलियों की
सिरहन की बात लिखो
लिखना है तो
रात के सन्नाटों में उठती
हूक की बात लिखो
उन बूढ़ी बातों से झरते
प्यार की बात लिखो
लिखना है तो मन पर जो
अपने जाए ने जो दिए
आघात उसकी बात लिखो
लिखना है तो चोट खाए माँ के दिल से
निकले आशीष की बात लिखो
मनीषा
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