दुनिया का दस्तूर निभाना पड़ता है
ना चाहते हुए भी मुस्कुराना पड़ता है
आँख में छलके आँसू को छिपाना पड़ता है
हो मन में घोर संताप जीवन में हो कोई विषाद
फिर भी है सब ठीक बताना पड़ता है
दुनिया का दस्तूर निभाना पड़ता है
मनीषा
ना चाहते हुए भी मुस्कुराना पड़ता है
आँख में छलके आँसू को छिपाना पड़ता है
हो मन में घोर संताप जीवन में हो कोई विषाद
फिर भी है सब ठीक बताना पड़ता है
दुनिया का दस्तूर निभाना पड़ता है
मनीषा
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