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Saturday, November 18, 2023

सुलगते शहर

 ये उठता धुंआ ये सुलगती लाशें

ये बच्चों की चीखें 

ये स्त्रियों का रूदन

ये खंडहर शहरों के 

ये मलबों में दबे मासूम हाथ

ये अध कटे बदन

ये सड़कों पर चीथड़े मांस के 

ये किस ने बारूद से उड़ा दी हैं

मानवता की धज्जियां?


मनीषा वर्मा 

#गुफ़्तगू

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