रंग अबीर उड़े
,उड़े गुलाल
भर पिचकारी सताए सखियों
संग ग्वाल
जो तुम संग
खेलूं तो श्याम
मेरी होली है।
भीजा आँचर भीजी मोरी
चुनरी लाल
भीजा अंबर भीजा
जग सारा विशाल
जो तुम संग
भीजूं तो श्याम
मेरी होली है।
महके टेसू महके
चंदन गुलाल
महके बृज
में सभी
गोपी औ' ग्वाल
जो तुम संग
महकूँ तो श्याम
मेरी होली है।
वंशी की धुन
पर नाचे ग्वाल
बाल
झूमे गोपियों संग राधा
मतवाली
जो तुम संग
नाचूँ मैं
तो श्याम मेरी
होली है
मनीषा
मार्च 2016
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