अजन्मी कन्या के नसीब में गर्भ में मुक्ति
फिर नौ दिवस कन्या रूप देवी भक्ति
वाह रे ! इंसान
कर्म और भगवान दोनों की चुप्पी
थोड़े दान थोड़ी भक्ति पांच वक्त की नमाज़
पाप मुक्ति कर दी कितनी आसान
वाह रे ! इंसान
हज तीर्थ सब जन्नत के द्वार
पंडित मोमिन पादरियों ने
थमा दी एक कुंजी आसान
वाह रे ! इंसान
जीव हत्या तो पाप
संगसार तो जन अधिकार
धर्म हत्या हुई कितनी आसान
वाह रे ! इंसान
क्षुधा विवश करती तो जानवर लेता है प्राण
लालच लोभ बना देती है मनुष्य को हैवान
फिर भी बताता है खुद को महान
वाह रे ! इंसान
मनीषा
फिर नौ दिवस कन्या रूप देवी भक्ति
वाह रे ! इंसान
कर्म और भगवान दोनों की चुप्पी
थोड़े दान थोड़ी भक्ति पांच वक्त की नमाज़
पाप मुक्ति कर दी कितनी आसान
वाह रे ! इंसान
हज तीर्थ सब जन्नत के द्वार
पंडित मोमिन पादरियों ने
थमा दी एक कुंजी आसान
वाह रे ! इंसान
जीव हत्या तो पाप
संगसार तो जन अधिकार
धर्म हत्या हुई कितनी आसान
वाह रे ! इंसान
क्षुधा विवश करती तो जानवर लेता है प्राण
लालच लोभ बना देती है मनुष्य को हैवान
फिर भी बताता है खुद को महान
वाह रे ! इंसान
मनीषा
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