एक पुरानी एलबम में कैद रखे हैं कुछ लम्हे
जब ज़िंदगी से कुछ वक़्त मिलता है तो जी लेते है
तस्वीर दर तस्वीर
कुछ मुस्कुराहटें लौट है होंठो पर
कुछ आँसू पलकों में झिलमिला जाते हैं
मनीषा
जब ज़िंदगी से कुछ वक़्त मिलता है तो जी लेते है
तस्वीर दर तस्वीर
कुछ मुस्कुराहटें लौट है होंठो पर
कुछ आँसू पलकों में झिलमिला जाते हैं
मनीषा
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