फिर बीता मौसम बहारों का
फिर पतझड़ आ गया है
फिर टूटेंगे कुछ दिल
के फिर नज़रों मे प्यार छा गया है
फिर बीता मौसम बहारों का
फिर पतझड़ आ गया है
फिर टूटेंगे कुछ दिल
के फ़िर नज़रों मे प्यार छा गया है
सूरज मे बहुत नर्मी है
हवा भी अब कुछ बर्फ़ीली है
करीब से गुज़रते हुए
फिर कोई नज़रें चुरा गया है
बहुत वीरनियाँ है इन पहाड़ों मे
बहुत खामोशियाँ है इन तूफ़ानों मे
इस साल सर्द रातों मे काँपेंगे हाथ
फिर कोई जाते हुए आग बुझा गया है
फिर पतझड़ आ गया है
फिर टूटेंगे कुछ दिल
के फिर नज़रों मे प्यार छा गया है
फिर बीता मौसम बहारों का
फिर पतझड़ आ गया है
फिर टूटेंगे कुछ दिल
के फ़िर नज़रों मे प्यार छा गया है
सूरज मे बहुत नर्मी है
हवा भी अब कुछ बर्फ़ीली है
करीब से गुज़रते हुए
फिर कोई नज़रें चुरा गया है
बहुत वीरनियाँ है इन पहाड़ों मे
बहुत खामोशियाँ है इन तूफ़ानों मे
इस साल सर्द रातों मे काँपेंगे हाथ
फिर कोई जाते हुए आग बुझा गया है
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