इस शहर के आसमां पर हैरत से तुमको देखता चांद
एक अकेला वो भी है सितारों में
एक अकेले तुम भी हो रोशनी के समंदर में
कभी पूरा कभी अधूरा वो भी है
आधे आधे पर पूरे से कुछ तुम भी हो
नीले काले आसमां पर नितांत अकेला तुम सा वो चांद
हैरत से तुमको देखता चांद ।।
मनीषा वर्मा
#गुफ़्तगू
वाह! बहुत सुंदर।
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