सुनो , कल से कालेज की छुट्टियां हैं
अब हमे यूं मिलना कम करना होगा
तुमसे मन ही मन बातें करना कम करना होगा
अकेले में धीमे धीमे मुस्काना बंद करना होगा
अपना अक्स आईने में देख इतराना कम करना होगा
सहेली के बहाने से मिलना अब बंद करना होगा
कल से कालेज की छुट्टियां हैं
अब हमे यूं मिलना कम करना होगा
हथेली पर तुम्हारे नाम का पहला अक्षर कहीं खोजना होगा
पीरों और मंदिरों से तुमको मांगना दर दर अब करना होगा
तुम्हारे लिए अब हर सोमवार व्रत करना होगा
रामायण की कुंजी में मनोकामना फल अब देखना होगा
पूरी दोपहरी माँ दीदी के साथ बैठ अब ठहाकों में तुम्हें भूलना होगा
कल से कालेज की छुट्टियां हैं
अब हमे यूं मिलना कम करना होगा
मनीषा
अब हमे यूं मिलना कम करना होगा
तुमसे मन ही मन बातें करना कम करना होगा
अकेले में धीमे धीमे मुस्काना बंद करना होगा
अपना अक्स आईने में देख इतराना कम करना होगा
सहेली के बहाने से मिलना अब बंद करना होगा
कल से कालेज की छुट्टियां हैं
अब हमे यूं मिलना कम करना होगा
हथेली पर तुम्हारे नाम का पहला अक्षर कहीं खोजना होगा
पीरों और मंदिरों से तुमको मांगना दर दर अब करना होगा
तुम्हारे लिए अब हर सोमवार व्रत करना होगा
रामायण की कुंजी में मनोकामना फल अब देखना होगा
पूरी दोपहरी माँ दीदी के साथ बैठ अब ठहाकों में तुम्हें भूलना होगा
कल से कालेज की छुट्टियां हैं
अब हमे यूं मिलना कम करना होगा
मनीषा
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