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Sunday, February 9, 2025

कभी कहीं

 कभी कहीं लौटने के रास्ते गुम हो जाते हैं

कहीं कभी लौटने के लिए कुछ नहीं होता।।


कभी बन जाते हैं अनजाने भी हमसफर

कभी कोई रहनुमा ही नहीं होता।।


मनीषा वर्मा

#गुफ़्तगू

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