मेरी डायरी के कुछ पन्ने
माटी कहे कुम्हार से तू क्या रुँधे मोए इक दिन ऐसा आयेगा मैं रुँधूगी तोए
Pages
(Move to ...)
Home
▼
Wednesday, January 15, 2025
जो तुम आओ
कितने रत्न पहनूं
कितने चिन्ह सजाऊं
चौखट पर
जो तुम आओ ।।
कहो
तो, मंत्र जपूं और
तीर्थ कर आऊं नंगे पांव
जो तुम आओ।।
क्या वास्तु दोष है
या जाऊं किसी बामन से
पत्री बचवाऊं
जो तुम आओ ।।
नसीब का है
क्या ये खेला ?
क्या ये कोई साजिश है
दुनिया की?
करूं क्या उपाय
कि मेरी तकदीर में
जो तुम आओ।
मनीषा वर्मा
#गुफ़्तगू
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment