तैश में आ कर जो उसने मेरे सामने आइना रखा,
मुझे उसका अक्स भी उसी में उतरा दिखा।।
खोल कर रख दिया उसने मेरे आगे जातियों का पुलिंदा
मुझे ऊपर से वह शख़्स बहुत हल्का दिखा।।
मैं घूम आया उसके कहने पर सब कूचे गालियां
मुझे इस शहर में कोई ना अपना दिखा।।
मनीषा वर्मा
#गुफ्तगू
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