कभी मैंने बांधा नहीं कभी तुमने जोड़ा नहीं
इस तरह चलता रहा संबंधों का सिलसिला
इस तरह चलता रहा संबंधों का सिलसिला
कभी मैंने रोका नहीं कभी तुमने पुकारा नहीं
इस तरह बढ़ता रहा राहों पर फासला
इस तरह बढ़ता रहा राहों पर फासला
कभी मैंने कुछ कहा नही कभी तुमने कुछ सुना नहीं
इस तरह बढ़ता रहा खामोशियों का साया
इस तरह बढ़ता रहा खामोशियों का साया
कभी मैंने डोर छोड़ दी कभी तुमने हाथ थामा नहीं
इस तरह खिंचता रहा लकीरों का दायरा
इस तरह खिंचता रहा लकीरों का दायरा
कभी मेरे शब्द तीर हो गए कभी तुमने नश्तर चुभो दिए
इस तरह चलता रहा आइनों का टूटना
इस तरह चलता रहा आइनों का टूटना
कभी मैंने बांधा नहीं कभी तुमने जोड़ा नहीं
इस तरह चलता रहा संबंधों का सिलसिला
इस तरह चलता रहा संबंधों का सिलसिला
मनीषा वर्मा
#गुफ्तगू
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