ख्याल रखना अपना
धीमे से कह गया कोई
मेरी अंजुरी से दर्द उठा
पुष्प भर गया कोई
एक आलिंगन में
मेरे दर्द अपने कर गया कोई
मेरे लबों पर हँसी
पलको पर आँसू छोड़ गया कोई
फिर आने का वादा कर
मेरी तन्हाई से अपनी
यादें जोड़ गया कोई
मनीषा
धीमे से कह गया कोई
मेरी अंजुरी से दर्द उठा
पुष्प भर गया कोई
एक आलिंगन में
मेरे दर्द अपने कर गया कोई
मेरे लबों पर हँसी
पलको पर आँसू छोड़ गया कोई
फिर आने का वादा कर
मेरी तन्हाई से अपनी
यादें जोड़ गया कोई
मनीषा
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