दिल में छिपा सको तो नाम मेरा छिपा लेना
मन में समो सको तो प्यार मेरा बसा लेना
ना नज़र आऊँ कभी आँखों मे तुम्हारी
कोई नज़र मिलाए तो तुम पलकें गिरा लेना
खिल उठे तन्हाई में कभी याद मेरी
किसी किताब में उस खुश्बू को दबा देना
कभी चलते चलते ,साथ अपने, कदम पाओ मेरे
तो होंठों की मुस्कान को वहीं छिपा लेना
देखो पिया कोई पूछे अगर किसे खोजती रहती हैं नज़रे
कहीं नाम मेरा तुम न बता देना
वक्त अगर मिला दे किसी मोड़ हमें यूँ ही
तब हाथ अपना तुम भी आगे बढ़ा देना
मनीषा
मन में समो सको तो प्यार मेरा बसा लेना
ना नज़र आऊँ कभी आँखों मे तुम्हारी
कोई नज़र मिलाए तो तुम पलकें गिरा लेना
खिल उठे तन्हाई में कभी याद मेरी
किसी किताब में उस खुश्बू को दबा देना
कभी चलते चलते ,साथ अपने, कदम पाओ मेरे
तो होंठों की मुस्कान को वहीं छिपा लेना
देखो पिया कोई पूछे अगर किसे खोजती रहती हैं नज़रे
कहीं नाम मेरा तुम न बता देना
वक्त अगर मिला दे किसी मोड़ हमें यूँ ही
तब हाथ अपना तुम भी आगे बढ़ा देना
मनीषा
No comments:
Post a Comment