सब कुछ तो है पास तेरे
सखियाँ कहती है
दुनिया के सौ सुख
मन बहलाने को कितने दिलासे
कुछ मीठे पलों की यादे
मेरी जायी दो नन्ही मुस्काने
पर जाने कैसी ये हूक अंतर की
कंठ तक उठती नही
हाँ सब कुछ तो है पास मेरे
फिर कैसी ये पीर मेरे
मन में रहती है
by me manisha
सखियाँ कहती है
दुनिया के सौ सुख
मन बहलाने को कितने दिलासे
कुछ मीठे पलों की यादे
मेरी जायी दो नन्ही मुस्काने
पर जाने कैसी ये हूक अंतर की
कंठ तक उठती नही
हाँ सब कुछ तो है पास मेरे
फिर कैसी ये पीर मेरे
मन में रहती है
by me manisha
Yeh peer nahi hai sakhi
ReplyDeleteyeh aag hai tere man ki
joh jeevan ki aapa dhaapi mein
farz ki bedi per
her umr ki seedi per
bali chadte chadte
phir bhi rakh nahi hui hai
dhyan se dekh ise
Yeh tu hai tu hai bas tu hi hai
Superb comment Neerja...main hoon kahan nahi janti par chalti jati hoon is rele me bhti hoo nadiya si jane kis sagar me
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