जाड़ो की नरम रज़ाई
और अलसाई सी एक अँगड़ाई
हाथों में गर्म चाय का प्याला
और पांव के तलवे सहलाती नरम धूप
ज़हन में तुम्हारा ख्याल
और नज़र में उतरता
आज का अखबार
बस इतनी सी कहानी में
बीत गई एक और खुशनुमा प्रभात
मनीषा
और अलसाई सी एक अँगड़ाई
हाथों में गर्म चाय का प्याला
और पांव के तलवे सहलाती नरम धूप
ज़हन में तुम्हारा ख्याल
और नज़र में उतरता
आज का अखबार
बस इतनी सी कहानी में
बीत गई एक और खुशनुमा प्रभात
मनीषा
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