उन्हे भी ख्याल हो तुम्हारा लाज़मी तो नहीं
इश्क मे ये जुनूं उन्हे भी हो लाज़मी तो नहीं
तुम तो बैठे हो हो कर दुनिया से बेज़ार
वो आ कर पूछ ही लें खैरियत लाज़मी तो नहीं
तुम ने तो कर लिया अज़ीम यूं जान का सौदा
ये गैरत उनमें भी हो लाज़मी तो नहीं
ख्वाब में जिनके लुटाए जाते हो दुनिया
करे वो भी तेरी आरज़ू लाज़मी तो नहीं
जाते हो जिनके दर लिए पैगाम ए दोस्ती
कर लें वो भी बातचीत से मसला हल लाज़मी तो नहीं
#गुफ्तगू
मनीषा वर्मा
इश्क मे ये जुनूं उन्हे भी हो लाज़मी तो नहीं
तुम तो बैठे हो हो कर दुनिया से बेज़ार
वो आ कर पूछ ही लें खैरियत लाज़मी तो नहीं
तुम ने तो कर लिया अज़ीम यूं जान का सौदा
ये गैरत उनमें भी हो लाज़मी तो नहीं
ख्वाब में जिनके लुटाए जाते हो दुनिया
करे वो भी तेरी आरज़ू लाज़मी तो नहीं
जाते हो जिनके दर लिए पैगाम ए दोस्ती
कर लें वो भी बातचीत से मसला हल लाज़मी तो नहीं
#गुफ्तगू
मनीषा वर्मा