tag:blogger.com,1999:blog-5440321022568905633.post1033553579817059083..comments2024-03-08T08:04:46.123+05:30Comments on मेरी डायरी के कुछ पन्ने : मेरे लिए सजन तुम आए ही कब पास मेरे Manishahttp://www.blogger.com/profile/11385817017822538140noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5440321022568905633.post-31731281621089017442013-12-22T17:22:41.486+05:302013-12-22T17:22:41.486+05:30Superbly written thanks for commenting Superbly written thanks for commenting Manishahttps://www.blogger.com/profile/11385817017822538140noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5440321022568905633.post-165251579665084702013-12-22T12:15:38.621+05:302013-12-22T12:15:38.621+05:30 कहने को तो थे तुम आस पास मेरे
चलते भी रहे साथ सा... कहने को तो थे तुम आस पास मेरे <br />चलते भी रहे साथ साथ मेरे <br />मेरे अहसासो सी अनभिज्ञ<br />मेरी चाहतो से परे<br />हम-तुम और तुम हम के <br />बीच <br />मेरे लिए सजन तुम आए ही कब पास मेरे <br /><br />हम बढ़ते रहे नदी के दो किनारो कि तरह<br />संग संग मजबूत इरादो कि तरह <br />भीतर कही सुलगती रही इक आस<br />तुम वह भी सुनोगे जो मैंने न कहा<br />पर सजन<br />मेरे लिए सजन तुम आए ही कब पास मेरेNeerja Chaabranoreply@blogger.com